Sunday, April 12, 2009

भक्तामर स्त्रोत्र से

तीन लोक के दुःख हरण करने वाले हे तुम्हें नमन !
भूमंडल के निर्मल भूषण, आदि जिनेश्वर तुम्हें नमन !!
हो त्रिभुवन के अखिलेश्वर ,प्रभु तुमको बारम्बार नमन !!!
भवसागर के शोषक पोषक , भव्य जनों के तुम्हें नमन !!!!

3 comments:

Pawan Mall said...

cool
welcome to blogger's world
Pawan Mall
apexlerning.blogspot.com

Amit Singhai said...

धन्यवाद !! वैसे आप सभी के ब्लॉग से भी में कुछ कुछ उठा लूँगा :-) , नाराज़ मत होयिगा :-)

Pawan Mall said...

कुछ भी उठा लो आप मेरे चिट्ठे से लकिन उसका एक लिंक जरूर डाल देना. मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर आप ऐसा करोगे तो.....