Wednesday, April 15, 2009

आकस्मिक पंक्तियाँ


उंगलियाँ हमारी हैं , शिल्प तुम्ही हो
लेखनी हमारी है , मस्तिष्क में प्रवाहित तुम्ही हो
कर्म हमारा है, सौभाग्य तुम्ही हो
मात्र प्रदर्शन हमारा है , प्रेरणा तुम्ही हो
जीवन हमारा है , ख़ुशी तुम्ही हो

2 comments:

Unknown said...

वैसे किसके लिए लिखी गयी है ये पंक्तियाँ .. जरा हम भी तो जाने :)

Amit Singhai said...

वो गोपनीय तथ्य है ... हम नहीं बताएँगे