ध्रुव की धुनमय धर्म प्रगट कर , वन्दित धर्मनाथ भगवान ||
राग रूप अंगारों द्वारा, दहक रहा जग का परिणाम |
किन्तु शांतिमय निज परिणति से, शोभित शांतिनाथ भगवान ||
This blogs contains some nice Hindi/Sanskrit poems/stanzas. I personally do not like mixed Hindi or Nayi Kavita so blog has only poems having Hindi better or comparable to "Chhayawadi kaal" (the golden period for Hindi Literature.) Disclaimer-Most of the text has been either typed by myself, or picked up from sources which do not have any copy right, also every thing is completely personal no other motive involved.
5 comments:
अमित,
आपका प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। किन्तु लगता है कि इस ब्लाग के बारे में हिन्दी ब्लागरों को पता नहीं है।
क्यों नहीं आप 'नारद', 'चिट्ठाजगत' 'ब्लागवाणी' आदि हिन्दी के ब्लाग एग्रीगेतरों पर इस ब्लाग की सूचना दे दें। इससे सबको पता चल जायेगा।
आप तकनीकी क्षेत्र से हैं। आपसे निवेदन है कि हिन्दी में अपने ब्लाग पर एवं हिन्दी विकिपीडिया पर तकनीकी विषयों पर कुछ लेख भी लिखें। इससे हिन्दी और हिन्दुस्तान को लाभ होगा।
Hi Amit,
Nice to see the quotes of the poojan ..keep posting these chandhs of pooja bahut saar garbhit hai
nehil
Hi Amit,
Nice to see the quotes of the poojan ..keep posting these chandhs of pooja bahut saar garbhit hai
nehil
अनुवाद जी, नेहिल जी , बहुत बहुत धन्यवाद् में प्रयास करूँगा , की हिंदी के प्रसार सम्बन्धी तकनीकी जानकारी प्रकाशित करूँ.
वैसे मेने एक iPhone application - बनाया है , हिंदी slangs
अगर आप के पास WINDOWS कंप्यूटर है
तो ये डाउनलोड करिया और कलम से भी आसानी
से हिंदी में टाइप करिये
http://www.google.com/ime/transliteration/
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