Thursday, March 19, 2009

Few Stanzas from Siddh Pooja

These stanzas have been taken from Siddha Pooja by Jugal Kishore ji


मैं महा मान से क्षत विक्षत ,हूँ खंड खंड लोकांत विभो
मेरे मिटटी के जीवन में , प्रभु अक्षत की गरिमा भर दो ,
प्रभु अक्षत की गरिमा भर दो

विज्ञान नगर के वैज्ञानिक , तेरी प्रयोगशाला विस्मय
कैवल्य कला में उमड़ पड़ा , संपूर्ण विश्व का ही वैभव
पर तुम तो उससे अति विरक्त , नित निरखा करते निज निधियां
अतएव प्रतीक प्रदीप लिए , मैं मना रहा दीपावलियाँ

No comments: